स्क्वैट्स का कमाल: 10 बार बैठो-उठो और शुगर को बोलो “टाटा बाय बाय!”
सुबह उठते ही चाय, फिर ऑफिस की चेयर, फिर लंच, फिर स्क्रीन, फिर शाम को थोड़ा वॉक करके सोचते हैं – “आज तो फिटनेस फुल ऑन हो गई!”
लेकिन… ठहरिए जनाब! एक रिसर्च कह रही है कि आपकी वो 30 मिनट की वॉक शायद उतना काम नहीं कर रही, जितना कर सकते हैं बस 10 छोटे-से स्क्वैट्स!
जी हां, सही सुना आपने – 10 बार बैठो-उठो, और ब्लड शुगर लेवल बोले – “मैं कंट्रोल में हूं बॉस!”
लेकिन ये स्क्वैट्स क्यों?
मान लीजिए आप हैं एक सीरियस ऑफिस वर्कर – सुबह से बैठ कर दुनिया चला रहे हैं। पर आपके अंदर बैठा एक छोटा इंसुलिन मैनेजर धीरे-धीरे सुस्त हो रहा है।
अब ऐसे में अगर आप हर 45 मिनट बाद उठकर 3 मिनट टहल लें या 10 स्क्वैट्स कर लें, तो ये इंसुलिन भाई वापस ऐक्शन में आ जाते हैं और आपके ब्लड में घूमती शुगर को अच्छे से हैंडल करते हैं।
टारगेट हैं हमारी थाइज़ और ग्लूट्स
जब आप स्क्वैट्स करते हैं, तो ये आपकी सबसे बड़ी मांसपेशियों – जांघों (quadriceps) और नितंबों (glutes) को काम पर लगा देते हैं।
इनकी एक्टिविटी मतलब – “बॉडी जाग गई है, शुगर प्रोसेस हो रही है, सब ठीक है!”
और आपको जिम जाने का टेंशन भी नहीं! ना जिम की फ़ीस, ना ट्रेनर का प्रेशर – बस कुर्सी छोड़ो और 10 बार उठो-बैठो।
और बात समझिए: वॉक अच्छी है, लेकिन…
हम यह नहीं कह रहे कि वॉक मत करो, पर अगर आप सोचते हैं कि सुबह 30 मिनट टहल लिए और फिर 8 घंटे कुर्सी से चिपके रहे – तो भाई ये खेल नहीं चलेगा।
थोड़ी-थोड़ी देर में मिनी मूवमेंट ब्रेक्स लो – स्क्वैट्स, स्ट्रेच, पानी पीकर आना, सीढ़ियां चढ़ लेना – ये सब आपके शरीर को खुश रखते हैं और ब्लड शुगर को भी।
आज का हेल्थ मंत्र:
“अगर बॉस 45 मिनट मीटिंग ले रहा है, तो आप 3 मिनट स्क्वैट्स ले लीजिए!”
तो बताइए – आज ऑफिस में कौन-कौन स्क्वैट्स चैलेंज लेने वाला है? नीचे कमेंट करो और इस हेल्थ ट्रिक को दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करो!
डिस्क्लेमर:
भाईसाहब, बहनजी – ये सब बातें रिसर्च पर आधारित हैं, लेकिन इलाज नहीं। अगर आपको डायबिटीज या कोई हेल्थ कंडीशन है, तो डॉक्टर से पूछना ज़रूरी है।
NBT या हम इस बात की गारंटी नहीं लेते कि आप स्क्वैट्स करते ही सुपरहीरो बन जाएंगे – लेकिन कोशिश करने में क्या हर्ज है?