Deepfake Advisory : सावधान रहें, जिम्मेदारी से करें इस्तेमाल

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भारत सरकार की Deepfake Advisory पर एडवाइजरी: सावधान रहें, जिम्मेदारी से करें इस्तेमाल

आज के डिजिटल युग में, गहन नकली चेहरे (Deepfakes) एक चिंता का विषय बन गए हैं। वे कृत्रिम रूप से बनाए गए वीडियो या ऑडियो होते हैं जिन्हें हेरफेर किया जाता है ताकि यह किसी अन्य व्यक्ति की तरह दिखे या सुनाई दे। भारत सरकार ने हाल ही में इस तकनीक के दुरुपयोग से जनता को जागरूक करने और बचाने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।

Deepfake एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल करके किसी व्यक्ति के वीडियो या ऑडियो को इस तरह से बदल दिया जाता है कि वह किसी और की तरह दिखे या सुनाई दे। यह तकनीक तेजी से विकसित हो रही है और इसका इस्तेमाल विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, लेकिन इसका दुरुपयोग भी हो सकता है।

भारत सरकार ने Deepfake के दुरुपयोग की बढ़ती चिंताओं के मद्देनजर यह एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में लोगों को डीपफेक सामग्री की पहचान करने के तरीके के बारे में बताया गया है और उन्हें सलाह दी गई है कि वे ऐसी सामग्री को साझा करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें।

सरकार ने Deepfake सामग्री को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर चिह्नित करने और हटाने के लिए भी कदम उठाए हैं। सोशल मीडिया कंपनियों को डीपफेक सामग्री की पहचान करने और हटाने के लिए एल्गोरिदम विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

यह महत्वपूर्ण है कि लोग Deepfake तकनीक के बारे में जागरूक हों और इसका इस्तेमाल जिम्मेदारी से करें। डीपफेक का दुरुपयोग रोकने के लिए सरकार, सोशल मीडिया कंपनियों और नागरिकों सभी का मिलकर प्रयास करना आवश्यक है।

सरकार ने यह भी कहा है कि गहन नकली सामग्री बनाना या उसका प्रसार करना सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत दंडनीय अपराध है। ऐसे अपराध के लिए जुर्माना और कारावास दोनों हो सकते हैं।

मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। कृपया ध्यान दें कि यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और किसी भी कानूनी सलाह का गठन नहीं करती है। यदि आपके पास deepfake तकनीक के दुरुपयोग के बारे में कोई प्रश्न हैं, तो कृपया किसी वकील या कानूनी विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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