अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले मखाने की धूम
अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में इस बार एक अनोखी हलचल देखने को मिल रही है। ‘फास्ट फूड’ के इस दौर में, जहां लोग स्वाद के चक्कर में अपने स्वास्थ्य से समझौता कर लेते हैं, वहां ‘सुपर फूड’ मखाने ने लोगों का दिल जीत लिया है। मखाने से बने इडली, डोसा, कुल्फी और रबड़ी जैसे व्यंजन लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं।
मखाना: स्वाद और स्वास्थ्य का खजाना (Taste and Health Benifits)
मखाना सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, खनिज और लौह तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यह शुगर फ्री है, जिससे मधुमेह के रोगी भी इसका सेवन कर सकते हैं।
खाद्य प्रौद्योगिकीविद् श्रवण कुमार राय ने लोगों को ‘जंक फूड’ से दूर करने और ‘सुपर फूड’ की ओर आकर्षित करने के लिए मखाने के साथ प्रयोग किया। उन्होंने मखाने से 22 से अधिक स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए हैं। उनकी कंपनी, ‘फूड टेक्नोलाजिस्ट एमबीए मखानावाला’, इसमेले में लोगों को स्वाद और स्वास्थ्य दोनों का आनंद लेने का मौका दे रही है।
सरकार का सहयोग
राजीव रंजन, जो इस मेले में मखाने के उत्पाद बेच रहे हैं, बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने G20 सम्मेलन में काजू की जगह मखाने को रखवाया था। इससे भारतीय किसानों और व्यापारियों को काफी फायदा हुआ है। कृषि मंत्रालय के स्टाल पर विभिन्न स्वादों में मखाने और मखाने से बने उत्पाद उपलब्ध हैं, जिनमें मखाना कुल्फी, चाकलेट और खीर भी शामिल हैं।
किसानों को लाभ
इस बार मेले में मखाने और मखाने से बने उत्पादों को बाजार मूल्य से 20 प्रतिशत कम कीमत पर बेचा जा रहा है। इसका सीधा फायदा किसानों को मिल रहा है।
मखाने ने न केवल स्वाद और स्वास्थ्य का अनूठा संगम प्रदान किया है, बल्कि भारतीय किसानों और अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह एक सकारात्मक बदलाव है जो दिखाता है कि हम स्वाद और स्वास्थ्य दोनों को एक साथ कैसे प्राप्त कर सकते हैं।