मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका, लेकिन असली छक्का हसीन जहाँ की इंस्टा स्टोरी ने मारा!
भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी भले ही मैदान पर विकेट उड़ाते हों, लेकिन ज़िंदगी के इस मैच में बीवी हसीन जहाँ ने उन्हें सीधे-सीधे ‘नो बॉल’ करा दिया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने आदेश दे दिया कि शमी हर महीने ₹4 लाख देंगे — ₹1.5 लाख हसीन जहाँ को और ₹2.5 लाख अपनी बेटी को।
लेकिन बात यहीं नहीं रुकी…
Insta Story से आई हसीन की हसीन चोट!
कोर्ट का ऑर्डर आते ही हसीन जहाँ ने इंस्टा पर ऐसा मसाला पोस्ट डाला कि सोशल मीडिया का तापमान 100 डिग्री पार कर गया।
“आई लव यू जानू… मरते दम तक हमारा रिश्ता रहेगा…”
…और अगले ही सेकंड वही जानू बन गए “चरित्रहीन, लालची, और साजिश रचने वाले!”
पोस्ट में लिखा – “तुमने गुंडों से मुझे मरवाने की कोशिश की… अब अल्लाह ही तुम्हें देखेगा।”
जी हां, एक ही पोस्ट में रोमांस, बदला, भावनाएं और धमकी — सब कुछ पैक में!
कोर्ट ने कहा ₹4 लाख सही है, हसीन ने कहा – “ये कुछ नहीं!”
हसीन जहाँ 7 साल से इस कानूनी लड़ाई में थीं। पहले निचली अदालत ने ₹50,000 तय किया था लेकिन अब हाईकोर्ट ने ₹4 लाख कर दिया। फिर भी हसीन का कहना है:
“7 साल से कोर्ट-कचहरी के चक्कर और सिर्फ ₹4 लाख?
इतनी तो आजकल एक लग्ज़री इंस्टाग्राम रील का बजट होता है।”
इंस्टा स्टोरी में और क्या-क्या लिखा गया?
मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं जानू ❤️
मिलेगी? कहीं मेरी जैसी बीवी जो इतनी शिद्दत से रिश्ता निभाए?घबराओ मत मेरे प्यार, मरते दम तक हम एक मज़बूत रिश्ता निभाएंगे, इंशा’अल्लाह। बस अब तुम्हें तय करना है कि वो रिश्ता कैसा होगा – प्यार से भरा या नफ़रत से?
पिछले 7 सालों से हम दोनों एक कानूनी जंग में उलझे हुए हैं।
इससे तुम्हें क्या हासिल हुआ?
अपने ही परिवार को बरबाद कर दिया सिर्फ अपने चरित्रहीन, लालची और संकीर्ण सोच की वजह से।तुमने कितने अपराधियों को खरीदा ताकि मुझे मरवा सको, बदनाम कर सको, परेशान कर सको, और हर जगह मुझे हरवा सको।
क्या मिला तुम्हें इससे?
जो पैसा तुमने हरामखोरों पर और वेश्याओं पर उड़ाया, वही अगर अपनी बेटी की पढ़ाई, ज़िंदगी और भविष्य पर खर्च किया होता और मुझे एक अच्छी ज़िंदगी दी होती – तो न सिर्फ गुनाह से बच जाते, बल्कि हम इज़्ज़त की ज़िंदगी जी रहे होते।देखो, अल्लाह ने मुझे कितनी हिम्मत, सहनशीलता और सब्र दिया है।
मैं आज भी हक की लड़ाई में अडिग खड़ी हूं।तुम पूरी दुनिया के अपराधियों को भी साथ ले लो, फिर भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे – क्योंकि मेरा साथ देने वाला सुप्रीम पॉवर अल्लाह है। शुकर, अल्हम्दुलिल्लाह।
तुमने पुरुष प्रधान समाज का फायदा उठाया और खुश हो कि कुछ असामाजिक लोग तुम्हारा समर्थन कर रहे हैं।
लेकिन मैं कानून का सहारा लेकर अपने सारे अधिकार हासिल करूंगी और खुश रहूंगी – इंशा’अल्लाह।अब तुम ही सोचो – कौन सा समर्थन बेहतर है? समाजिक दिखावा या कानूनी हक़?
लेकिन याद रखना – जो भी असामाजिक लोग तुम्हें अभी नैतिक समर्थन दे रहे हैं, वे दरअसल तुम्हारे गुनाहों का समर्थन कर रहे हैं।
जिस दिन तुम्हारा बुरा वक्त शुरू होगा – यही लोग तुम्हारा जीना हराम कर देंगे। इंशा’अल्लाह। यक़ीन रखो।
इंटरनेट पर छाया #HasinKaHaq ट्रेंड
हसीन जहाँ की इस स्टोरी ने सोशल मीडिया पर आग लगा दी।
कुछ बोले – “ये तो ‘तेरे नाम पार्ट 2’ लग रहा है”,
तो कुछ बोले – “इंस्टाग्राम की कसम, ऐसा डायलॉग तो फिल्मों में भी नहीं मिलता!”
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