कुछ इंटरव्यू सिर्फ बातचीत नहीं होते — वो समय की नब्ज पकड़ते हैं।
ANI Podcast का EP-308 ऐसा ही एक पल है जहां पटना के चर्चित शिक्षक Khan Sir ने दिल से बात की — न लिबास में डर था, न जुबान में लाग-लपेट। उनके शब्दों में सिर्फ सच्चाई, संवेदनशीलता और समझ थी।
“राजनीति मेरा उद्देश्य नहीं, राष्ट्र मेरा कर्मक्षेत्र है”
सवाल: क्या आप राजनीति में आना चाहते हैं?
Khan Sir: “मेरी राजनीति बच्चों की कॉपियों में है, मेरा चुनाव ज्ञान है, और मेरी पार्टी भारत है।”
उन्होंने कहा कि नेता बनना आसान है, लेकिन सोच बदलना मुश्किल। और आज देश को यही सबसे ज़्यादा चाहिए।
“मोदी जी जनता की भाषा में बात करते हैं, यही उनकी ताकत है”
सवाल: मोदी सरकार के बारे में आपका निष्पक्ष मत क्या है?
Khan Sir: “वो बड़े फैसले लेने से नहीं डरते और जनता से सीधा संवाद रखते हैं, ये बात उनके पक्ष में जाती है।”
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि नेता की असली परीक्षा तब होती है जब वो जनता को जवाबदेह समझे, मालिक नहीं।
“योगी जी के कार्यकाल में व्यवस्था का एक नया खाका बना है”
सवाल: क्या आपको लगता है कि उत्तर प्रदेश में बदलाव आया है?
Khan Sir: “किसी भी बदलाव की शुरुआत व्यवस्था से होती है। योगी जी ने यह करके दिखाया है।”
उन्होंने अपराध और नकल माफिया पर लगाम की बात करते हुए कहा कि “जब कानून का डर होता है, तभी न्याय मजबूत होता है।”
“हमारे स्कूल सोचने वाले नहीं, रटने वाले दिमाग बना रहे हैं”
सवाल: आज की शिक्षा व्यवस्था में सबसे बड़ी कमी क्या है?
Khan Sir: “बच्चे सोच नहीं पाते क्योंकि हम उन्हें सोचने की आज़ादी देते ही नहीं। हम उन्हें सिर्फ एक्ज़ाम क्लियर करना सिखा रहे हैं, जिंदगी जीना नहीं।”
उन्होंने कहा कि अंक नहीं, अनुभव सिखाने की ज़रूरत है।
“सफलता वो नहीं जो बैंक में दिखे, सफलता वो है जो दिल में महसूस हो”
सवाल: आपके लिए सफलता का असली मतलब क्या है?
Khan Sir: “अगर आपकी वजह से किसी को उम्मीद मिली, तो आप सफल हैं। पैसा बाद में आता है, इंसानियत पहले होनी चाहिए।”
“मेरे स्टूडेंट्स मेरी सबसे बड़ी पूंजी हैं”
सवाल: आपने इतनी लोकप्रियता के बाद भी साधारण जीवन क्यों चुना?
Khan Sir: “क्योंकि मैं जो हूँ, वो मेरे बच्चों की वजह से हूँ। अगर मैं बदल गया, तो वो भरोसा टूट जाएगा। और एक शिक्षक को सबसे पहले भरोसा निभाना होता है।”