भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा इस बार श्रद्धा से अधिक संवेदनाओं और शोक का कारण बन गई। पुरी में गुँडिचा मंदिर के पास अचानक मची भगदड़ ने पूरे राज्य को हिला दिया।
जहां एक ओर लाखों भक्त भगवान जगन्नाथ की झलक पाने को उमड़े थे, वहीं दूसरी ओर भीड़ के दबाव और अव्यवस्था ने तीन मासूम जिंदगियों को निगल लिया।
श्रद्धालुओं की भीड़ बनी दुर्घटना की वजह
गवाहों के मुताबिक, जब रथ मंदिर के प्रवेश द्वार के पास पहुंचा, तभी भारी भीड़ बेकाबू हो गई। इस दौरान धक्का-मुक्की और पांव तले कुचले जाने की घटनाएं हुईं। अफरा-तफरी में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक घायल हो गए।
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि भीड़ नियंत्रण के पर्याप्त इंतज़ाम नहीं थे और स्थानीय पुलिस की तैनाती भी नाकाफी थी।
मुख्यमंत्री मोहन माझी का भावुक संबोधन
दोपहर को मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य को संबोधित करते हुए गहरी संवेदना जताई। उन्होंने कहा:
“भगवान जगन्नाथ के दरबार में ऐसी त्रासदी अस्वीकार्य है। मैं सभी भक्तों से माफी मांगता हूं।”
मुख्यमंत्री ने पुरी डीसीपी बिष्णु चरण पति और पुलिस कमांडेंट अजय पाढ़ी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि घटना में किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुआवजा और राहत के ऐलान
सरकार ने मृतकों के परिजनों को ₹25 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। वहीं घायलों का इलाज सरकार की देखरेख में कराया जा रहा है।
पुरी जिला प्रशासन की ओर से भी अंतिम संस्कार व अन्य जरूरी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी ली गई है। मंदिर समिति और राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी हैं।
प्रशासन में फेरबदल और उच्च स्तरीय जांच
मुख्यमंत्री ने घटना के बाद पुरी कलेक्टर सिद्धार्थ एस स्वैन और एसपी बिनीत अग्रवाल का तबादला कर दिया है।
राज्य के गृह विभाग ने पूरी घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश जारी किए हैं। रिपोर्ट आने के बाद और भी कार्रवाई हो सकती है।
विपक्ष ने इस दुर्घटना को “प्रशासनिक विफलता” बताते हुए राज्य सरकार को घेरा है। कांग्रेस और बीजद नेताओं ने मांग की है कि पूरे crowd management सिस्टम की पुनर्रचना की जाए।
आगे की रणनीति: नई भीड़ प्रबंधन नीति पर काम
मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि अब हर वर्ष रथ यात्रा से पहले भीड़ नियंत्रण की आधुनिक तकनीकों और डिजिटल निगरानी को लागू किया जाएगा।
सरकार अगले तीन महीनों में एक नई भीड़ प्रबंधन नीति लाने की तैयारी में है, जिसमें AI आधारित crowd sensors और रीयल टाइम surveillance भी शामिल होगा।