भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज़ रिषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ Headingley टेस्ट में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए एक नया कीर्तिमान रच दिया है। पंत अब भारत के पहले और दुनिया के दूसरे विकेटकीपर बन गए हैं, जिन्होंने एक ही टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक लगाया है।
भारतीय टीम की पहली पारी में उन्होंने जहां 134 रनों की संयमित पारी खेली, वहीं दूसरी पारी में उन्होंने 118 रन बनाकर क्रिकेट इतिहास के पन्नों में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज करवा लिया।
पहला भारतीय विकेटकीपर, जिसने दोहरा शतक जड़ा
Headingley के मैदान पर खेले गए इस टेस्ट मैच में रिषभ पंत का प्रदर्शन अभूतपूर्व रहा। इससे पहले भारत की ओर से कोई भी विकेटकीपर ऐसा कारनामा नहीं कर पाया था। इससे पहले केवल ज़िम्बाब्वे के एंडी फ्लॉवर (2001) ने एक टेस्ट में दोनों पारियों में शतक जड़ा था।
पंत की इस उपलब्धि से भारतीय ड्रेसिंग रूम में उत्साह की लहर दौड़ गई। कोच राहुल द्रविड़ ने इसे “एक असाधारण उपलब्धि” बताया।
मैच का संक्षिप्त विवरण
पहली पारी:
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रन: 134
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गेंदें: 220
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चौके: 12 | छक्के: 2
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साझेदारी: शुभमन गिल और रविंद्र जडेजा के साथ महत्वपूर्ण साझेदारी की
दूसरी पारी:
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रन: 118
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गेंदें: 140
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चौके: 15 | छक्के: 3
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केएल राहुल के साथ 195 रन की साझेदारी, जिसने भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया
विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
पंत की इस उपलब्धि पर क्रिकेट जगत से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं।
सुनील गावस्कर ने कहा:
“ये सिर्फ दो शतक नहीं, यह एक खिलाड़ी के परिपक्व होने का प्रमाण है। पंत अब नायक बन चुके हैं।”
वहीं इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने कहा कि,
“पंत ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी असली जगह बना ली है।”
सोशल मीडिया पर भी छाया पंत का जादू
मैच के बाद रिषभ पंत ट्विटर और इंस्टाग्राम पर ट्रेंड करने लगे। हैशटैग #PantThePerformer, #LeedsHero और #DoubleTonKeeper भारत और इंग्लैंड दोनों जगह टॉप ट्रेंडिंग में रहे।
क्रिकेट प्रेमियों ने पंत को ‘नया गिलक्रिस्ट’ तक कहना शुरू कर दिया है।
रिकॉर्ड्स की सूची में शामिल
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एक ही टेस्ट मैच में दोनों पारियों में शतक लगाने वाले भारत के पहले विकेटकीपर
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दुनिया के केवल दूसरे विकेटकीपर (पहले एंडी फ्लॉवर)
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टेस्ट में 8 शतक लगाने वाले भारत के पहले बाएं हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज़
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इंग्लैंड की धरती पर दोहरा शतक बनाने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर
रिषभ पंत का यह प्रदर्शन सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ है। उनकी पारियों ने यह साबित कर दिया है कि वो अब सिर्फ ‘फियरलेस’ नहीं, बल्कि ‘फोकस्ड’ खिलाड़ी हैं। Headingley में रचा गया यह इतिहास आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत रहेगा।