क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, एक इमोशन होता है—खासकर तब जब भारत टेस्ट सीरीज़ खेलने इंग्लैंड जैसे मैदान पर उतरता है। लेकिन हैडिंग्ले टेस्ट के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसने स्कोरबोर्ड से ज़्यादा सुर्खियाँ किसी एक खिलाड़ी की प्रतिक्रिया ने बटोरी—वो खिलाड़ी थे रिषभ पंत (Rishabh Pant)।
जिस वक्त इंग्लैंड की पारी का 71वां ओवर चल रहा था, भारत के गेंदबाज़ों को गेंद में कुछ असामान्यता महसूस हुई। पंत ने फौरन गेंद को अंपायर पॉल रीफेल को दिखाया और उम्मीद जताई कि गेंद बदली जाए। लेकिन जब अंपायर ने गेंद को पास करने लायक माना, तो पंत के चेहरे का रंग बदल गया। उन्होंने गुस्से में गेंद को मैदान पर ऐसे फेंका मानो पूरी निराशा उसमें भर दी हो।
यह सिर्फ एक इमोशन था, या ICC कोड का उल्लंघन?
क्रिकेट के नियम केवल बल्ले और गेंद तक सीमित नहीं हैं। एक संहिता है, जिसे कहते हैं — ICC कोड ऑफ कंडक्ट। और रिषभ पंत की इस प्रतिक्रिया ने उसे तोड़ने की संभावित कोशिश कर दी है।
ICC के नियमों के मुताबिक:
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Article 2.8: अंपायर के निर्णय पर नाराज़गी या विरोध दर्शाना लेवल 1 या 2 का अपराध माना जाता है।
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Article 2.9: मैदान पर गेंद को जानबूझकर गुस्से में फेंकना, खासकर अगर वह किसी को लग सकती है या अनुशासनहीनता दिखाता है — ये भी उल्लंघन है।
इसका मतलब ये है कि पंत का यह गुस्सा महज़ “जोश” नहीं था—यह उन्हें मुकदमा, फाइन, और यहां तक कि बैन की दहलीज़ तक ले जा सकता है।
मैच रेफरी की नज़र, सोशल मीडिया की बंटवारा
ICC ने इस मामले पर चुप्पी तो नहीं तोड़ी, लेकिन ये पुष्टि की गई है कि मैच रेफरी रिची रिचर्डसन इस मामले की जांच करेंगे। वहीं सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर दो धड़े बन गए हैं:
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एक ओर, भारतीय फैंस हैं जो पंत का बचाव करते हुए कह रहे हैं — “वो खिलाड़ी है, भावना में बह गया। कोई जानबूझकर नहीं करता।”
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दूसरी ओर, कुछ क्रिकेट एक्सपर्ट्स और न्यूट्रल फैंस कह रहे हैं — “ये इंटरनेशनल क्रिकेट है, IPL नहीं… यहां हर हरकत की कीमत होती है।”
पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने भी बयान दिया कि, “इस तरह की घटनाएं दबाव में होती हैं, लेकिन खिलाड़ियों को संतुलन बनाए रखना चाहिए।” वहीं इंग्लिश कमेंटेटर मार्क बुचर ने कहा, “अंपायर के साथ ऐसा व्यवहार शोभा नहीं देता।”
क्या होगा आगे?
अगर रिषभ पंत(Rishabh Pant) दोषी पाए जाते हैं, तो ICC के पास तीन रास्ते होंगे:
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Caution (चेतावनी)
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Match Fee का कटौती (20%-50%)
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1 से 2 मैच का बैन, अगर इसे लेवल 2 अपराध माना गया।
ये फैसला आने वाले 48 घंटों में साफ हो जाएगा।
सीख क्या है इस विवाद से?
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क्रिकेट में टेम्परामेंट सबसे बड़ा हथियार होता है
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खिलाड़ी की हर हरकत दर्ज होती है — मैदान पर भी और कैमरे के पीछे भी
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टीम इंडिया जैसे बड़े ब्रांड का चेहरा बनने के लिए केवल टैलेंट ही नहीं, अनुशासन भी चाहिए
रिषभ पंत एक एक्सप्लोसिव खिलाड़ी हैं, लेकिन क्रिकेट की सबसे सुंदर बात ये है कि यहां आपके बल्ले और विकेट से ज़्यादा आपकी बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दिया जाता है।
रिषभ पंत की ये हरकत उन्हें बड़ी मुसीबत में डाल सकती है, लेकिन ये भी सच है कि हर बड़ा खिलाड़ी अपने करियर में ऐसे मुकाम से गुज़रता है जहाँ उसे अपनी भावनाओं पर लगाम लगानी पड़ती है।
अब देखने वाली बात ये होगी कि ICC का फैसला क्या आता है — और क्या पंत इस घटना से कुछ सीख लेकर, अगली बार और परिपक्वता के साथ मैदान पर उतरेंगे?