Sakshi Malik ने क्योँ कहा कुश्ती को अलविदा!
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के नए अध्यक्ष के रूप में संजय सिंह के निर्वाचन के बाद से कुश्ती जगत में एक जंग छिड़ने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। संजय सिंह के निर्वाचन को लेकर पूर्व ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने आपत्ति जताई है और उन्होंने कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी है।
साक्षी मलिक ने आरोप लगाया है कि चुनाव में धांधली हुई है और उन्हें जानबूझकर हाराया गया है। उन्होंने कहा कि वह 40 दिनों तक सड़कों पर सोई रहीं और देश के कई हिस्सों से बहुत सारे लोग उनके समर्थन में आए, लेकिन फिर भी वे हार गईं।
साक्षी मलिक के संन्यास से भारतीय महिला कुश्ती को एक बड़ा झटका लगा है। वह भारतीय महिला कुश्ती की एक दिग्गज खिलाड़ी थीं और उनके नेतृत्व में भारतीय महिला पहलवानों ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं।
साक्षी मलिक के संन्यास के बाद भारतीय महिला कुश्ती की कमान अब सविता मलिक, बबीता फोगाट और गीता फोगाट जैसी दिग्गज खिलाड़ियों के हाथों में होगी। इन खिलाड़ियों को साक्षी मलिक के पदचिन्हों पर चलते हुए भारतीय महिला कुश्ती को और आगे बढ़ाना होगा।
साक्षी मलिक ने WFI के चुनावों में धांधली और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उनका मानना है कि उन्हें जानबूझकर हाराया गया और फेडरेशन के नए अध्यक्ष संजय सिंह के चुनाव का विरोध किया है। सिंह, बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी माने जाते हैं, जिन पर साक्षी मलिक समेत कई महिला पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे।
साक्षी मलिक ने अपने संन्यास के वीडियो में कहा कि उन्होंने देश के लिए जितने भी पुरस्कार जीते हैं, वह सभी आप सब के आशीर्वाद से जीते हैं। उन्होंने कहा कि वह कुश्ती को कभी नहीं भूलेंगी और हमेशा इसके लिए आभारी रहेंगी।
साक्षी मलिक का संन्यास भारतीय महिला कुश्ती के लिए एक बड़ा झटका है। वह भारत के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली महिला पहलवान थीं और एक प्रेरणादायी हस्ती रही हैं। उनके संन्यास से युवा पहलवानों के मार्गदर्शन और नेतृत्व का अभाव होगा। हालांकि, सविता मलिक, बबीता फोगाट, गीता फोगाट जैसी अन्य अनुभवी पहलवानों से उम्मीदें हैं कि वे भारतीय महिला कुश्ती को आगे बढ़ाएंगी।